
DKMS Foundation India भारत जैसे विशाल देश में हर साल हजारों, लाखों लोग रक्त कैंसर जैसी अन्य रक्त संबंधी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। लेकिन अब इन बीमारियों का एक प्रभावी इलाज है: स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन। लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां देखने को मिलती हैं, जैसे एक मैचिंग डोनर को खोज पाना, जो काफी कठिन प्रक्रिया है। इसी के तहत इन चुनौतियों को कम करने और लोगों की जान बचाने के उद्देश्य से DKMS Foundation India की स्थापना की गई है।
DKMS एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है, लेकिन भारत में स्वैच्छिक स्टेम सेल डोनर्स की रजिस्ट्री बनाकर रक्त कैंसर और थैलेसीमिया जैसे रोगों से लड़ने में मदद करता है। यह संगठन न केवल जागरूकता फैलाता है, बल्कि हजारों मरीजों को जीवनदान भी दिला चुका है।
🏢 DKMS की स्थापना और विस्तार
वैश्विक स्तर पर शुरुआत:
DKMS की शुरुआत 1991 में जर्मनी में Dr. Peter Harf ने अपनी पत्नी के निधन के बाद की थी, क्योंकि इनकी पत्नी की मृत्यु रक्त कैंसर से हुई थी। फिर उन्होंने एक ऐसा मंच खड़ा किया जिसका लक्ष्य है– “हर रक्त कैंसर रोगी के लिए एक मैचिंग डोनर ढूंढ़ना।”
🇮🇳 भारत में शुरुआत: DKMS Foundation India

DKMS Foundation ने 2019 में अपने अभियान की शुरुआत की थी, जहां अब DKMS BMST Foundation India के नाम से काम कर रहा है। भारत में Bangalore Medical Services Trust (BMST) के साथ मिलकर काम करता है, जो एक अनुभवी ब्लड बैंक और ट्रांसफ्यूजन सेवा प्रदाता है।
🎯 DKMS का उद्देश्य
DKMS Foundation India का मुख्य उद्देश्य है:
- इसके तहत रक्त कैंसर के रोगियों के लिए एक मैचिंग स्टेम सेल डोनर को खोजने में मदद करना।
- स्टेम सेल डोनेशन की प्रक्रिया के बारे में लोगों को जागरूक कराना।
- थैलेसीमिया जैसी अनुवांशिक बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को जीवनदान दिलाने में मदद करना।
🩸 रक्त कैंसर और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट क्या है?
रक्त कैंसर क्या होता है?
रक्त कैंसर (blood cancer) एक गंभीर बीमारी है: इसके तहत शरीर की रक्त कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। जैसे: ल्यूकेमिया, लिंफोमा, मायलोमा आदि।
💉 इलाज में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट का क्या रोल है:
इसमें जब कीमोथेरेपी या अन्य इलाज काम नहीं कर पाते हैं, तब डॉक्टर स्टेम सेल ट्रांसप्लांट का सुझाव ही देते हैं। इसमें किसी स्वस्थ व्यक्ति की ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन (HLA) मैचिंग स्टेम सेल्स को मरीज के शरीर में ट्रांसफर किया जाता है।लेकिन इसके तहत HLA मैचिंग बहुत मुश्किल समस्या भी होती है क्योंकि इस प्रक्रिया में लगभग 1 लाख में से 1 व्यक्ति ही किसी के साथ पूरी तरह मैच कर पाता है।
👨👩👧👦 भारत में क्यों जरूरी है DKMS Foundation India?
भारत में हर साल लगभग 1.80 लाख नए रक्त कैंसर के केस सामने आते हैं। 50,000 से अधिक बच्चे थैलेसीमिया से पीड़ित केस सामने आते हैं, जिसके तहत जीवनभर ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है। 99.9% से ज्यादा मरीजों को अपने परिवार में मैचिंग डोनर नहीं मिलता।
📋 DKMS कैसे काम करता है?
DKMS की कार्यप्रणाली बहुत ही आसान और प्रभावशाली होती है। इसमें कुछ points हैं। जैसे:
1️⃣ रजिस्ट्रेशन: इसके तहत इच्छुक व्यक्ति DKMS की वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर कर सकता है। एक free swab kit डाक द्वारा आपके घर भेजी जाती है।
2️⃣ सैंपल कलेक्शन: इसके तहत व्यक्ति को अपने गाल के अंदर से कॉटन स्वैब से सैंपल लेना होता है। इसे फिर DKMS को वापस भेज दिया जाता है।

3️⃣ HLA टाइपिंग और डाटाबेस में एंट्री: DKMS लैब में सैंपल की जांच होती है, फिर डोनर की प्रोफाइल को ग्लोबल रजिस्ट्री में शामिल कर लिया जाता है।
4️⃣ डोनेशन प्रक्रिया: यदि किसी मरीज से मैच मिल जाता है, तो डोनर से संपर्क किया जाता है और मेडिकल जांच के बाद Peripheral Blood Stem Cell (PBSC) या Bone Marrow डोनेशन कराया जाता है।
❤️ DKMS से जुड़ने के फायदे
- किसी की जान बचाने का अवसर मिलता है।
- यह पूरी प्रक्रिया सुरक्षित और निशुल्क होती है।
- DKMS यात्रा, मेडिकल जांच और डोनेशन से जुड़ा सभी खर्च खुद ही करता है।
📢 DKMS Foundation India द्वारा चलाई जा रही प्रमुख पहलें:
🔹 College Drives: देशभर के सभी कॉलेजों में जाकर स्टूडेंट्स को रजिस्टर किया जाता है।
🔹 Corporate Campaigns: कार्पोरेट सेक्टर में CSR अभियान चलाकर लोगों को इसके तहत जोड़ा जा सकता है।
🔹 Thalassemia Support: थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
🔹 Online Awareness: सोशल मीडिया और वेबसाइट के माध्यम से भी लोगों को स्टेम सेल डोनेशन की जानकारी दी जा रही है।
📈 अब तक की उपलब्धियां
भारत में अब तक लगभग 3 लाख+ लोग DKMS Foundation India के साथ रजिस्टर हो चुके हैं। 5000+ मरीजों को डोनर मिल चुका है। DKMS की ग्लोबल रजिस्ट्री में लगभग 1 करोड़ से भी अधिक डोनर शामिल हैं।
🤝 DKMS Foundation India से कैसे जुड़ें?

✅ DKMS Foundation India पात्रता:
उम्र: 18-55 साल जो व्यक्ति सामान्य रूप से स्वस्थ हो।
📲 रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया:
1. www.dkms.org.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
2. “Become a Donor” विकल्प चुनें।
3. फॉर्म भरने के बाद स्वैब किट मंगवाएं।
4. सैंपल लेकर वापस भेजें। 5. मैच मिलने पर DKMS आपसे संपर्क करेंगे।
🙋 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)❓
क्या स्टेम सेल डोनेशन से कोई नुकसान तो नहीं होता है?
नहीं, यह पूरी तरह सुरक्षित प्रक्रिया है। PBSC में रक्त लिया जाता है और अगले ही दिन सामान्य जीवन फिर से शुरू किया जा सकता है।
क्या डोनेशन के बाद शरीर कमजोर हो जाता है?
नहीं। इसके तहत शरीर 48 घंटे में स्टेम सेल्स की पूर्ति कर लेता है।
क्या मैं डोनेशन करने के बाद दोबारा भी कर सकता हूं?
हां, आप दोबारा भी डोनेशन कर सकते हैं अगर आप चाहें तो।
🧭 DKMS का भविष्य और लक्ष्य को जानें
DKMS Foundation India का लक्ष्य है कि भारत में 1 करोड़ से भी अधिक डोनर्स का डाटाबेस बनाया जाए, जिससे किसी भी मरीज को अपनी जान न गंवानी पड़े। यह संगठन भारत के सभी राज्यों, जिलों और गांवों तक अपनी पहुंच बनाना चाहता है। डिजिटल इंडिया के युग में DKMS Foundation India अपनी वेबसाइट और मोबाइल कैंपेन के तहत जागरूकता फैला रहा है।
✨ निष्कर्ष:
DKMS Foundation India भारत में एक जीवनदायिनी संस्था के रूप में उभर रहा है। जहां चिकित्सा की सभी सीमाएं खत्म हो जाती हैं, फिर वहां DKMS जैसे संगठनों की भूमिका का आरंभ होता है। यदि हम किसी एक इंसान की भी जान बचा सकते हैं, तो यह हमारे लिए जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
👉 अगर आप भी किसी की जिंदगी के हीरो बनना चाहते हैं, तो आज ही www.dkms.org पर जाकर रजिस्टर करें और जीवन बचाने की इस मुहिम में शामिल हों।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे दूसरों तक शेयर करें। क्या पता आपके एक शेयर से किसी की जान बच जाए।